सानी बहिनी मेरी - रचना चौतारी

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August 26, 2020

सानी बहिनी मेरी

 सानी बहिनी मेरी  (बालकविता)
रमेशचन्द्र घिमिरे

टिकी लाउँछु भन्छे

लाउँछु भन्छे फुली

सानी बहिनी मेरी

अहिले भई ठूली

आँसु झार्न भुली

औँला चुस्न भुली 

प्यारी बहिनी मेरी

अहिले भई ठूली


साथी–सङ्गीसित

खेल्छे मिलिजुली

जाती बहिनी मेरी

अहिले भई ठूली


पहिलेजस्तै अहिले

छैन लुरी लुली

फुच्ची बहिनी मेरी

अहिले भई ठूली


धेरै–धेरै पढी

छुन्छु भन्छे चुली

ज्ञानी बहिनी मेरी

अहिले भई ठूली ।

  मध्यनेपाल नगरपालिका-६

भाेर्लेटार, लमजुङ


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